1 August 2007

खुशीया


आज मेरे हीसे कुछ खुशीया आयी
मैंने कहा, सुनो आज
तुम्हे
केसे मेरी याद आयी...........

वो मुस्कुरा, थोडा हंसती बोली
उनहोने तुम्हारे लीय
हमे यंहा भेजा हें...........

अचछा जी, वो खुद क्यों ना आये
कीतने
दीन बीते देखा भी नही
बोलो
बोलो ये तो बताओ..............

वो मेरे आगे पीछे घुमी
वो तो तुम्हारे दील में पगली
हम तो उनके पीछे पीछे आयी....................

कीर्ती वैध्या.........

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