8 August 2007

पाकर तुझे

पाकर तुझे सब पा लीया
हवायो
में जैसे घुल गया रंग

औंस की हलकी बूंदो सा नम
भीगे पयार का ये दीवानापन

ना
जाने अब कहां ले चले
उडती पतंग सा मेरा मन

खनकती जाम सा असर
बहके दील तेरे नाम पर


कीरती वैदया......

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