एक उदासी छा जाती है
जब तुम पास नही होते
हवा का आना जाना भी
बेरुखा सा लगता है
ये काले बादल भी लगे जेसे
मेरी ज़ींदगी को श्याम कर गए
सारे रंग फीके लगे
तुम्हारे बीना सब अधूरा
सखीयो का हँसना भी
कुछ चीडाता लगे
बेमानी सी इस ज़ींदगी के
सीरफ तुम ही तों एक साथी
ना जाया करो दूर कभी
मुझे यूं अकेला छोड़ ..................
कीर्ती वैध्या
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