6 August 2007

ना जाया करो

एक उदासी छा जाती है
जब तुम पास नही होते

हवा का आना जाना भी
बेरुखा सा लगता है

ये काले बादल भी लगे जेसे
मेरी ज़ींदगी को श्याम कर गए

सारे रंग फीके लगे
तुम्हारे बीना सब अधूरा

सखीयो का हँसना भी
कुछ चीडाता लगे

बेमानी सी इस ज़ींदगी के
सीरफ तुम ही तों एक साथी

ना जाया करो दूर कभी
मुझे यूं अकेला छोड़ ..................

कीर्ती वैध्या

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