
सारे गम भुला
चुपचाप सोना
कानो में बस
तेरे शब्द घुलना
सांसों में तेरी
खुशबू का मीलना
तेरे पयार के
नशे में सारी
रात गुजरना
हाँ, याद आया जब
रुठ बहुत तू दूर गया.................
कीरती वैदया
अपने आस-पास जो महसूस करती हूँ.....शब्दो में उन्हे बाँध देती हूँ....मुझे लिखने की सारी प्रेणना, मेरे मित्र नितिन से मिलती है.... शुक्रिया नितिन, तुम मेरे साथ हो....