शायरी छोडो, तुम शायरा बन जाउगी
तों आप घर बसाए, मैं घरवाली बन जाउगी.......
घरवाली बन, मेरा भेजा खा जाउगी
नही, बस आपकी आज़ादी बांधुंगी
अरे , उड़ने दो मुझे बन आजाद पंछी
रोका कब, बस मेरा हाथ थामे चलना
उफ़, तुम पीछा छोड़ने का कया लोगी
बस, रोजाना खामोशी से शायरी सुनो
याही चाहूंगी...और कया.....
कीर्ती वैदया.
तों आप घर बसाए, मैं घरवाली बन जाउगी.......
घरवाली बन, मेरा भेजा खा जाउगी
नही, बस आपकी आज़ादी बांधुंगी
अरे , उड़ने दो मुझे बन आजाद पंछी
रोका कब, बस मेरा हाथ थामे चलना
उफ़, तुम पीछा छोड़ने का कया लोगी
बस, रोजाना खामोशी से शायरी सुनो
याही चाहूंगी...और कया.....
कीर्ती वैदया.
2 comments:
निश्चिंत रहे, शायरी करें...साथ में वाह वाही भी लूटे।अच्छा प्रयास कर रही हैं।बधाई।
उफ़, तुम पीछा छोड़ने का कया लोगी
बस, रोजाना खामोशी से शायरी सुनो
याही चाहूंगी...और कया.....
i am laughing keerti good one
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