11 December 2007

अलविदा

हर पल कटे तेरा नाम लेके
दिल नाचे तेरी बात सुनके
पर अब न चलेंगी हवाए ऐसे
न रहेंगी मुलाकाते अब वैसी
कह दिया अब हमने तुमको
अलविदा अपनी धडकनों से भी...

कीर्ती वैद्य

3 comments:

डाॅ रामजी गिरि said...

"कह दिया अब हमने तुमको
अलविदा अपनी धडकनों से भी..."

जो धडकनों से जुड़ा हो उस से नाता तो अलविदा कहने के बाद भी नहीं टूटता है.

अमिताभ मीत said...

सही कहा डॉक्टर साहब. अब तक इंसान उस मुकाम तक नहीं पहुँचा.

हरिमोहन सिंह said...

ऐसा जुल्‍म न करना । किसी कोने में ही सही जगह दे देना । किसी से परिचय न कराना पागल नाम ही बता देना - पर जुदा मत करना वरना
श्राप है कि भूल जाओगी शायरी