11 February 2008

गोवा मेरे चश्मे से -भाग १

जी, कुछ दिनों पहले गोवा घूमने का अवसर मिला, एक खूबसूरत सागर किनारे, नारियल पेडो से घिरा शहर।

घूमने के लीए हमने किराये की बाईकस ली...ओर चल पड़े शहर घूमने...सबसे पहली नज़र वंहा बने घरो में गयी ...सुंदर छोटे -छोटे घर जो केले ओर नारियल पेडो से घिरे थे।

खैर, हमारा पहला पड़ाव सेंट फ्रांसिस चर्च था, जो सबसे पुरानी ओर मान्य चर्च है, यंहा मोमबत्ती ज़ला जो भी मांगे, पूरा होता है , ऐसा मुझे एक स्थानिये निवासी ने बताया।

वैसे तों हर मोड़ पर एक चर्च है ओर हर चर्च के बनावट दूसरी चर्च से अलग है, लेकिन सच मुझे सेंट फ्रांसिस चर्च में शांति का अनुभव हुआ । इस चर्च में फादर फ्रांसिस कि मृत देह संभाल कर ज्यूँ की त्युं रखी गयी है ।
सेंट फ्रांसिस चर्च
बाहरी और भित्री दृश्य




















अगले
भाग में पढे गोवा के फोर्ट अगोढा , समुंदरी तट और होटल्स खानापीना , शॉपिंग....

कीर्ती वैद्य ...

3 comments:

Sanjeet Tripathi said...

शुक्रिया अपने चश्मे से हमें गोवा दिखाने का लेकिन आपकी तस्वीरों में तो आपका चश्मा तो है ही नही

Anonymous said...

bahut badhiya varnan,goa sabka fav palce hai,pictures r nice to.

Manish Kumar said...

गोवा की यादों को ताज़ा करने का शुक्रिया। समुद्र तट और नारियल पेड़ों के झुंड की बात से मुझे अंजुना का वो समुद्री तट याद आ गया जिसकी खूबसूरती अभी भी मन में बसी हुई है.