13 February 2008

चाँद

लो, आज वो हमे
अपना चाँद कह गए
सारी रैना, खिड़की खोले
चाँद तकते रह गए
अपना तों क्या, हम
अपनी जान को, सोचते चले गए
छु उंगलियों से चाँद, हम
उनकी चाहतो में डूबते गए
फैला बाहों को हम
प्यार का नगमा गुनगुनाते गए
रब से अपने चाँद का हम
जिन्दगी भर का साथ मांगते गए......

कीर्ती वैद्य

2 comments:

राजीव तनेजा said...

सही मौके पर वैलैंटाईनी से भरपूर कविता.....

स्वागत है....

mehek said...

bahut khubsurat,chand aasman mein bana rahe,aap use dekhti aur chuti rahe,aap us se mile ,wo aapko takta rahe.
aapka chand hamesha aapke saath bana rahe,yahi dua hai
happy valentine day keerti
http://mehhekk.wordpress.com/