28 June 2007

तुम्हें कुछ हो या नहीं

इस मल्हार मे तू भीगे या नहीं
पर मेरा मन गिला हो ही जाता है

तुम्हें मेरी याद आये या नहीं
पर मेरा दिल पर दामिनी गिरती जरूर है

ये सिली हवा तुझे नाम करे या नहीं
पर मेरे नयन तो छलक ही जाते है

तुम्हें प्यार दो बूंदे भीगोगे या नहीं
पर मेरा रोम रोम सिर्फ तेरे नाम पे सजता है

ये काले मेघ तुम पे फटे या नहीं
पर मेरे जिंदगी मे तो बादलें आते है

किर्ती

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