तुम्हें कुछ हो या नहीं
इस मल्हार मे तू भीगे या नहीं
पर मेरा मन गिला हो ही जाता है
तुम्हें मेरी याद आये या नहीं
पर मेरा दिल पर दामिनी गिरती जरूर है
ये सिली हवा तुझे नाम करे या नहीं
पर मेरे नयन तो छलक ही जाते है
तुम्हें प्यार दो बूंदे भीगोगे या नहीं
पर मेरा रोम रोम सिर्फ तेरे नाम पे सजता है
ये काले मेघ तुम पे फटे या नहीं
पर मेरे जिंदगी मे तो बादलें आते है
किर्ती
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