अपने आस-पास जो महसूस करती हूँ.....शब्दो में उन्हे बाँध देती हूँ....मुझे लिखने की सारी प्रेणना, मेरे मित्र नितिन से मिलती है....
शुक्रिया नितिन, तुम मेरे साथ हो....
27 June 2007
AASOON
“Aasoon”
Jise payar kiya woh mujhe samjha nahi, mare aasoon ki kimat kya woh jana he nahi bheegti rahi apni he barsat mein usse to sili fizao ne chuya tak nahi.....its me keerti
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