28 November 2007

भीगे नैन अब........

माँगा था 'रब' से
मिला न कभी तब
आस भी छुटी सब
तक-तक हारी जब
बुझ गए दीप
तों खडे अब
भीगे नैन अब........

कीर्ती वैदया.....

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