अपने आस-पास जो महसूस करती हूँ.....शब्दो में उन्हे बाँध देती हूँ....मुझे लिखने की सारी प्रेणना, मेरे मित्र नितिन से मिलती है....
शुक्रिया नितिन, तुम मेरे साथ हो....
3 May 2008
अनकही कहानी .....
रात की बारिश से भीगा ...व्यथित शहर नम.. उमस.. उदास बेमन बाहें फैला फिर, ज़िन्दगी के नए पन्ने को आगोश में ले लिख रहा, फिर, इक नई अनकही कहानी .....
5 comments:
har shahar ki dastan,bahut khub
बेहद खूबसूरत कविता सुंदर भाव लिये हुए ।
बेहद खूबसूरत कविता सुंदर भाव लिये हुए ।
ज़िन्दगी के नए
पन्ने को
आगोश में ले
ये हुई ना बात
Small and Compact
Leaves deep impact
Extremely beautiful
Well worded and meaningful
All said and done WONDERFUL
isi disha mein kuch aur likhiye........
achchha hai, make it continued
:)
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