अपने आस-पास जो महसूस करती हूँ.....शब्दो में उन्हे बाँध देती हूँ....मुझे लिखने की सारी प्रेणना, मेरे मित्र नितिन से मिलती है.... शुक्रिया नितिन, तुम मेरे साथ हो....
10 March 2008
इंडिया गेट और कवियो का संग
कल दिनांक ०९ मार्च'०८, हम कुछ कवि जन इंडिया गेट में इकठा हुए थे..
कुछ उनकी और अपनी कवीताये हमने एक-दूजे संग बांटी....
उपस्तिथ कवि -
१ अनिल जी (मासूम शायर)
२ दुष्यंत जी
३ कीर्ती वैद्य
४ विकास (जानुमानु)
५ विशेष
६ अवदेश
मैं यह बताना जर्रुरी समझती हूँ की हम सब पहली बार एक दूजे से एक साथ मिले वैसे तों हम सभी ई -मेल और टेलीफोन से जुडे है और मिलने का कारन सिर्फ़ कविताये ही नही अपितु हम सभी जन मिल अपनी पुस्तक प्रकाशित करवाने की पहल भी कर रहे है।
कुछ तस्वीरे हम सभी की :-
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1 comment:
keerti ji , hamein bhi aadesh kartiin toh ham bhi iss sukhad ghadi ka anand uthaa letay.Ham bhi kareeb hi thay.
Khair tasweerein dekhkar achchha lagaa.
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