लव सीन बिखरते ही
आंसू टपकते ही....
यारो, इक कश भर लिया
और कुछ तो सूझा नहीं
ढेरो, बेमाना सामान खरीद लिया
उदास मुखड़े की सिलवटो को
विदेशी दारू की बोतल से धो दिया...
अगर अब भी, हम रोते नज़र आये
तो सच समझे ....
हम अपनी ज़िन्दगी को पीछे छोड़े आये
कीर्ती वैदया 24TH APRIL 2009
1 comment:
khubsoorat kavitaa !!
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