11 September 2007

Mohabat kya hai

Mohabat kya hai:-----------

Jab dard deye, Kadvi
Jab Kushi laye, Meethi

Jab hissey aye payar, Achi
Jab haath aye bichoda, Buri

Jab kareeb laye unhey, Mehkey
Jab Duriya na mittey, Cheekhey

its me keerti

1 comment:

Anonymous said...

कीर्तिजी

आपकी कविताएं बड़ी ख़ूबसूरत हैं. सीधे-सीधे अपनी बातें मुझ जैसे कविता की समझ न रखने वालों को भी अपना अर्थ बतला देती हैं. गुजारिश यही है अगर यूनिकोड हिन्दी में हो तो पढ़ने में और मज़ा आएगा.


शुभकामनाओं समेत

राकेश