अपने आस-पास जो महसूस करती हूँ.....शब्दो में उन्हे बाँध देती हूँ....मुझे लिखने की सारी प्रेणना, मेरे मित्र नितिन से मिलती है....
शुक्रिया नितिन, तुम मेरे साथ हो....
10 September 2007
chutput -9
MERA DARD BADTA HAI NA PUCHO ISEY MUJHESEY VO ROZ SISKTA HAI NA PUCHO KABHI MUJHESEY......
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