अपने आस-पास जो महसूस करती हूँ.....शब्दो में उन्हे बाँध देती हूँ....मुझे लिखने की सारी प्रेणना, मेरे मित्र नितिन से मिलती है....
शुक्रिया नितिन, तुम मेरे साथ हो....
मीठी-मीठी, प्यारी-प्यारी बूंदों में भीगी नीर बदरा भरी सुबह मुबारक .... महज़ पाँच लाइन की कविता में आनंद आ गया. मैंने जब ये कविता पढ़ी तो उस समय मसूरी में सुबह हो ही रही थी ऐसा लगा की सचमुच सुप्रभात हो रहा है. बेहतरीन रचना के लिए बधाई.
12 comments:
वाह...सुबह का असली मज़ा आ गया...भावनाओं को शब्द मिल गए.
वाह...सुबह का असली मज़ा आ गया...भावनाओं को शब्द मिल गए.
बहुत खूब बूंदो में भीगी सुबह । क्या बात जो कम लिखना शुरु कर दिया। या हमें पता नही चलता ।
आप की सोच और शब्द दोनों ही अच्छे लगे ..
शुभ प्रभात....
मीठी-मीठी,
प्यारी-प्यारी
बूंदों में भीगी
नीर बदरा भरी
सुबह मुबारक ....
aapko bhi..............MUBARAK
"good morning" kahne ka khoobsoorat anddaj
मीठी-मीठी,
प्यारी-प्यारी
बूंदों में भीगी
नीर बदरा भरी
सुबह मुबारक ....
महज़ पाँच लाइन की कविता में आनंद आ गया. मैंने जब ये कविता पढ़ी तो उस समय मसूरी में सुबह हो ही रही थी ऐसा लगा की सचमुच सुप्रभात हो रहा है. बेहतरीन रचना के लिए बधाई.
Wah. Ye to khud subaha dastak de rahi hai...
बस लिखते रहिये.
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मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं.
शुक्रिया.
good enough
nice way to start a day
congrats
kya likhti hai ati sundar.....
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